किसानों की प्रमुख समस्या पर ध्यान दे सरकार-श्रीकांत यादव

कोरोना महामारी के दौर में मजदूर .कामगारों के अलावा एक बङा वर्ग प्रभावित होने जा रहा है वह है छोटे मझोले किसान। जिनकी तरफ अभी किसी का ध्यान नही हैं।जन जागृति फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रीकांत यादव ने कहा की भारत में 80% छोटे मझोले 3-4 एकङ वाले किसान है जिनका जीवन यापन खेती और पशुपालन पर ही आधारित है। फिर भी खर्चा नही चल पाता है। कभी कभी मजदूरी करने पर भी मजबूर हो जाता है।कोरोना महामारी ने इस वर्ग को और अधिक संकट मे डाल दिया है। फसल तैयार हो रही है किसान उहापोह मे है कटाई कैसे कराए।मजदूरो द्वारा हाथ से कटाई कराये तो कोरोना का खतरा और अगर कंबाइन मशीनो से कराए तो महंगा होने तथा भूसे की चिंता सता रही है।कंबाइन मशीनों से कटाई कराने पर 40% कम भूसा निकलता है अगर भूसा पर्याप्त मात्रा में तैयार नही हुआ तो पशुओ को खिलाएगा क्या ? यह चिंता किसानो को सताए जा रही है।

श्रीकांत यादव ने कहा की सरकार को समय रहते इन किसानो पर ध्यान देना होगा। छोटे मझोले किसान मशीनों से महंगी कटाई वहन करने मे सक्षम नही है तथा भूसा संकट भी किसानो के लिए एक बहुत बङा चिंता का कारण बन रहा है। महंगी कटाई और भूसे की किल्लत से डरा किसान हाथ से कटाई कराने लगा तो संक्रमण बढने की खतरा ज्यादा हो जायेगा।लाकडाउन के लिए किये गये सारी मेहनत पर पानी फिर जायेगा।

सरकार को इन किसानो के लीए आगे आना होगा नही तो भारत की 80% आबादी संकट मे पङ जायेगी।

मशीनों से महंगी कटाई के लिए रकबे के हिसाब से कटाई अनुदान , फसलो का समर्थन मूल्य कम से कम दो गुना , पशुओं के चारे खली भूसी पर भी अनुदान देना होगा।

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