लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र पहले ही दिन मंगलवार को सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में भाजपा विधायक धरने पर बैठ गए। इस मामले में विपक्ष भी उनके समर्थन में आ गया है, जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। यह पहला मौका है जब सत्ता पक्ष की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ सदन में अपना पक्ष रखने की कोशिश में थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। इस मुद्दे को लेकर कई विधायक उनके साथ हो गए।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने पहले आधा घंटे और उसके बाद 15-15 मिनट के लिए दो बार सदन को स्थगित किया। स्थगन के दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना सहित सरकार के कई मंत्री विधायक को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वह नहीं माने।
सदन की बैठक जैसे ही शुरू हुई सत्ता पक्ष के विधायक खड़े हो गए। इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
विधानसभा सदस्य 'विधायक एकता जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे। सदन स्थगित होने के बाद भी विधायक सदन में बैठे रहे। सपा, बसपा व कांग्रेस के विधायक भी सदन में बैठे रहे। इसके बाद उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा सभी को समझाने वहां पहुंचे।
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