मुस्लिमों से वोट मांग फंसी मायावती, इलेक्शन कमीशन ने मांगी रिपोर्ट



न्यूज़ डेस्क: लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नेता बेतुकी बयानबाजी करने में लगे है। इसी कड़ी में रविवार को यूपी के देवबंद में हुई सपा, बसपा और और आरएलडी की एक रैली में बसपा सुप्रीमों मायावती द्वारा किए गए जातिसूचक भाषण पर चुनाव आयोग ने तुरंत एक्शन लेते हुए रिपोर्ट तलब की है।
मायावती ने देवबंद की इस रैली में मुसलमानों से भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा गठबंधन के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल.वेंकटेश्वर लू ने सहारनपुर के जिला प्रशासन से मायावती के भाषण की आडियो क्लिप के साथ विस्तृत ब्यौरा मांगा गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार सहारनपुर जिला प्रशासन से मायावती के भाषण की आडियो क्लिप और ब्यौरा मिलने पर उसे तत्काल चुनाव आयोग को भेज दिया जाएगा। आयोग इस सामग्री का अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगा।
लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच हुए गठबंधन के तहत 25 साल बाद पहली बार दोनों दलों की संयुक्त जनसभा के दौरान मायावती और अखिलेश ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। रालोद प्रमुख अजीत सिंह भी लोकसभा चुनाव से पहले देवबंद में पहली संयुक्त रैली में मौजूद रहे।
सपा-बसपा-रालोद की रैली में मायावती ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर चुनाव में कोई धांधली नहीं की गई गठबंधन की हर सीट पर जीत होगी। गठबंधन की इस रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर बोलते हुए कहा कि उसका शासनकाल गलत नीतियों से भरा था।
उन्होंने आगे कहा कि 'चौकीदारी' का नाटक भाजपा को नहीं बचा पाएगा। भाजपा पुलवामा मामले का गलत इस्तेमाल कर रही है। मायावती ने लोगों से अपील की है कि जीएसटी और नोटबंदी से काफी बड़ी संख्या में नौकरियां दी गईं है। इन लोगों को वापसी मत करने दीजिये।बता दें कि कुछ दिन पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी देश की सेना को मोदी की सेना कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने एक्शन लेते हुए जवाब देने के लिए कहा गया था।

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