हमारे समाज मे बुजुर्गो को सम्मान की जरूरत-रविन्द्र श्रीवास्तव

ग़ाज़ीपुर। रविवार को कायस्थ चित्रगुप्त महासभा के तत्वाधान में स्वजातीय "बुजुर्गों का सम्मान अपनी पहचान" करने का कार्य मिश्र बाजार स्थित एक मैरेज हाल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ नवनीत श्रीवास्तव ने चित्रगुप्त महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर बुजुर्गों को शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि परिवार की शान कहे जाने वाले हमारे बड़े बुजुर्ग आज परिवार में अपने ही अस्तित्व को तलाशते नजर आ रहे हैं। तिनका तिनका जोड़कर अपने बच्चों के लिए आशियाना बनाने वाले यह पुरानी पीढ़ी के लोग खुद आशियाने की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। ऐसे में इनका ठिकाना बन रहे हैं वृद्धा आश्रम, जहां रहने का और खाने का भरपेट भोजन मिल रहा है।

विशिष्ट अतिथि रविंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि बस यहां कमी है तो उस औलाद की, जिन्हें मां बाप ने अपना खून पसीना एक करके पढ़ाया लिखाया। परंतु आज उसी ने इन्हें दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया। जिला अध्यक्ष संदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें दोष हमारा नहीं है बल्कि उस पश्चिमी संस्कृति का दोष है जिसका अंधा अनुसरण करने की होड़ में लोग लगे हुए हैं।
इस कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र अस्थाना ने की इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीनानाथ श्रीवास्तव, लालजी लाल, अजय श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव, शिव कुमार लाल, सुनील दत्त, राहुल श्रीवास्तव, परमानंद श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, प्रवीण श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, सरिता श्रीवास्तव, रेखा श्रीवास्तव, सानू श्रीवास्तव, बालेश्वर वर्मा इत्यादि लोग मौजूद रहे।

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