संसद में कारपोरेट हीत के लिए नही जन मुद्दे उठाने वाला ही हो हमारा सांसद :अजय राय
हमारा सांसद कैसा हो जो चन्दौली से भारतीय लोकतंत्र के सर्वोच्च संसद में चुन कर जाए उस पर अपनी प्रतिक्रिया पत्रकारो के समक्ष देते हुए स्वराज अभियान के व चन्दौली में किसानों मजदूरों की आवाज बुलंद करने वाले अजय राय ने कहा कि संसद में बड़ी संख्या में वही सांसद जीत कर जा रहे हैं जो कारपोरेट हीत में ही संसद में कानून व बचाव करते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि हमारा चन्दौली का सांसद जन पक्षीए व जन मुद्दे पर आवाज उठाने वाला हो।कृषि शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर बजट में वढ़ोतरी के लिए लड़ने वाला हो वही संसंद में कारपोरेट घरानो पर सम्पत्ति व उत्तराधिकार कर और आय से अधिक सम्पत्ति जब्त करने के सवालों पर संसद में लड़ सके।चन्दौली में पूंजीवादी विकास नही जनपक्षीय विकास के लिए विषेश विकास पैकेज लाए।नफरत नही समरसता की भावना से लोगों के समस्या को समझ कर क्षेत्र के जनता के सवालों को हल कर सके वही विकास में हो रही भ्रष्टाचार को हर विकास कार्य को जन पारदर्शी बनाकर शोशल आडिट कराने पर उनका जोर हो।पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि चुनाव के समय महसुस तो लोग करते है कि कम्युनिष्ट ईमानदार,जुझारु, अपने सवालो पर लडने वाला होता है हर समय जनता के वीच रहने वाला समझते तो है लेकिन वोट देते समय जाति हवा, धर्म पैसा इलाका और हार-जीत कौन रहा है का सवाल आ जाता है !वामपंथी दल चुनावी प्रवंधक पर ध्यान कम देते है! वामंपथी दल को अपनी कार्यशैली मे वदलाव करना होगा जुझारु लोकप्रिय नेताओ का टी म खडा करना होगा जब अपने चुनावी फायदे के लिए पुंजीवादी दल एक हो सकते है तो मजदूरो किसानो के सवाल पर लडने वाले वामंपथी दल एक होकर चुनाव क्यों नही लड सकते, खास वात एक और है जो बडे आधार किसान को वामंपथी दल नही समेट सकते उसको गोलबन्द करने के लिए एक रैडिकल लोकंतात्रिक पार्टी का निर्माण करे!
हमारा सांसद कैसा हो जो चन्दौली से भारतीय लोकतंत्र के सर्वोच्च संसद में चुन कर जाए उस पर अपनी प्रतिक्रिया पत्रकारो के समक्ष देते हुए स्वराज अभियान के व चन्दौली में किसानों मजदूरों की आवाज बुलंद करने वाले अजय राय ने कहा कि संसद में बड़ी संख्या में वही सांसद जीत कर जा रहे हैं जो कारपोरेट हीत में ही संसद में कानून व बचाव करते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि हमारा चन्दौली का सांसद जन पक्षीए व जन मुद्दे पर आवाज उठाने वाला हो।कृषि शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर बजट में वढ़ोतरी के लिए लड़ने वाला हो वही संसंद में कारपोरेट घरानो पर सम्पत्ति व उत्तराधिकार कर और आय से अधिक सम्पत्ति जब्त करने के सवालों पर संसद में लड़ सके।चन्दौली में पूंजीवादी विकास नही जनपक्षीय विकास के लिए विषेश विकास पैकेज लाए।नफरत नही समरसता की भावना से लोगों के समस्या को समझ कर क्षेत्र के जनता के सवालों को हल कर सके वही विकास में हो रही भ्रष्टाचार को हर विकास कार्य को जन पारदर्शी बनाकर शोशल आडिट कराने पर उनका जोर हो।पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि चुनाव के समय महसुस तो लोग करते है कि कम्युनिष्ट ईमानदार,जुझारु, अपने सवालो पर लडने वाला होता है हर समय जनता के वीच रहने वाला समझते तो है लेकिन वोट देते समय जाति हवा, धर्म पैसा इलाका और हार-जीत कौन रहा है का सवाल आ जाता है !वामपंथी दल चुनावी प्रवंधक पर ध्यान कम देते है! वामंपथी दल को अपनी कार्यशैली मे वदलाव करना होगा जुझारु लोकप्रिय नेताओ का टी म खडा करना होगा जब अपने चुनावी फायदे के लिए पुंजीवादी दल एक हो सकते है तो मजदूरो किसानो के सवाल पर लडने वाले वामंपथी दल एक होकर चुनाव क्यों नही लड सकते, खास वात एक और है जो बडे आधार किसान को वामंपथी दल नही समेट सकते उसको गोलबन्द करने के लिए एक रैडिकल लोकंतात्रिक पार्टी का निर्माण करे!
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