1500 वेतन? कैसे होगा गुजारा? ऊपर से यहां कटेगा पैसा रसोइयों का



वेतन का क्या कहना ? सरकारें क्या सोचती हैं कैसे सोचती हैं कुछ समझ मे ही नहीं आता। उत्तर प्रदेश में रसोइयों के वेतन को लेकर भी यही हालात है। पहले उनका वेतन 1000 रुपये प्रति माह था। लेकिन हाल ही में उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सुध तो ली लेकिन वेतन बढ़ाया 500 रुपये और यानी अब उनका वेतन हो गया 1500 रुपये प्रति महीना। जरा सोचिए आप आजकल एक मजदूर भी एक दिन का 200-400₹ तक कमाता है और रसोइयों का वेतन सिर्फ 50 रुपया प्रतिदिन। अब इतने में रसोईं का जीवन यापन कैसे होगा? सबसे बड़ी बात ये है कि रसोइयों में अधिकतम रसोइयां विधवा महिलाएं है और पूरा परिवार का बोझ उनके कंधे पर है। हद तो तब हो गई जब प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में उनको रजिस्ट्रेशन हेतू लगभग अनिवार्य कर दिया गया। अब रसोइयों के खाते से प्रति महीने 55-200 रुपये तक कट जाएंगे मतलब उनके जीवन मे कठिनाइयां और बढ़ गई। अब कौन इनकी सुध लेगा शायद कोई सुध भी लगा तो इनका मजाक ही बनाएगा क्योंकि अब एकबार फिर से यदि 500 भी बढ़ गया तो भी इनका जीवन स्तर बदल तो नहीं ही सकता।

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