कविता: तुम मेरी पुकार हो माँ - बालानाथ राय

तुम मेरी पुकार हो माँ 


ज्ञान की भण्डार हो माँ
विद्वानों की जननी हो माँ
तुम मेरी पुकार हो माँ
सदैव मेरे साथ रहा करो माँ


अज्ञानियों को ज्ञान देती हो माँ
अन्धेरों में उजाला लाती हो माँ
तुम मेरी पुकार हो माँ
सदैव मेरे साथ रहा करो माँ


करुणा की भण्डार हो माँ
मृदुवाणी की बोल हो माँ
तुम मेरी पुकार हो माँ
सदैव मेरे साथ रहा करो माँ


राजनीति की गुण सिखाती हो माँ
न्याय की परिभाषा हो माँ
तुम मेरी पुकार हो माँ
सदैव मेरे साथ रहा करो माँ


कलाकारों के अन्तर्मन में बसती हो माँ
वैज्ञानिकों को बढ़ावा देती हो माँ
तुम मेरी पुकार हो माँ
सदैव मेरे साथ रहा करो माँ


मेरी हर कामयाबी का राज हो माँ
अपने बेटे पर ऐसे ही कृपा बनाये रखो माँ
तुम मेरी पुकार हो माँ
सदैव मेरे साथ रहा करो माँ



~बालानाथ राय 


शेरपुर कलाँ, गाज़ीपुर,उत्तर-प्रदेश

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