रद्दी में फेका वनाधिकार की दावा दाखिल की फाईलों की सुनवाई हुई पुन: शुरू



चन्दौली: आदिवासियों और परम्परागत वन निवासियों को वन भूमि पर अधिकार देने की संसद से बने वनाधिकार कानून और इसे लागू करने के सम्बंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम अवेहलना हो रही थी। बिना किसी लिखित सूचना के वनाधिकार कानून के तहत दाखिल 14088 दावों में से 13998 दावे की बिना सही तरीके से सुनवाई किए खारिज कर दिया गया था लेकिन पुनः उच्च न्यायालय के आदेश पर सक्रिय हुआ प्रशासनिक अधिकारी फिर दावे दाखिल की प्रक्रिया में लग तो गया हैं और जो बंडल में बांधकर रद्दी में फेक दिया गया था उसे पुनः झाड़पोछ कर जांच की जा रही है। चकिया उपजिलाधिकारी कार्यालय में जंगल विभाग के अधिकारी ने वैरा वीट के दिरेहु, डोडापुर,दूबेपुर सहित कई गाँव के 1167 दावा दाखिल करने वाले को लिखित नोटिस देकर बुलाया और दावेदार पहुँच कर अपना कागजात दिखाए। हम आपको अवगत करा दे कि स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह के पहल पर आदिवासी वनवासी महासभा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था। जिस जनहीत याचिका पर हाईकोर्ट ने तय समयावधि में वनाधिकार के दावे की पुनः सुनवाई का आदेश दिया था।आज उपजिलाधिकारी व वन विभाग के अधिकरियों से स्वराज अभियान व मजदूर किसान मंच,आदिवासी वनवासी महासभा के नेताओं ने मिलकर मांग की कि दावा दाखिल करने वाले आदिवासियों व परम्परागत वन निवासियों की दावा की सही सुनवाई करने व जब तक जांच चल रही है और दावे का निस्तारण नही हुआ है तब तक बेदखली की उत्पीड़न की कार्रवाई बंद हो।

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