चंदौली: नरकटी में हुआ आदिवासी अधिकार सम्मेलन, चलेगा हस्ताक्षर अभियान



नौगढ़, चंदौली: 20 दिसम्बर 2018, कोल के सम्मान पर हर सरकार और जनप्रतिनिधि ने हमला किया है इसके खिलाफ उसके आदिवासी दर्जा और सम्मान के लिए स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने पहल की है और इस पर बडे आंदोलन को खड़ा किया जायेगा। यह ऐलान नरकटी में आदिवासी वनवासी महासभा द्वारा आयोजित आदिवासी अधिकार सम्मेलन में पूर्व आई0 जी0 व स्वराज अभियान के नेता एस0 आर0 दारापुरी ने किया। उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून के तहत जमीन पर अधिकार के लिए जरूरी है कोल को आदिवासी का दर्जा मिले और यदि यह दर्जा मिलता है तो आदिवासी समाज के लिए लोकसभा की एक सीट भी आरक्षित होगी। लेकिन मोदी सरकार ने कोल के आदिवासी का दर्जा देने की फाइल दबाई हुई है और 2013 में आदिवासी का दर्जा देने की उ0 प्र0 सरकार की संस्तुति को लागू करने के लिए तैयार नहीं है। सम्मेलन की अध्यक्षता आदिवासी वनवासी महासभा के पत्तू कोल और संचालन मजदूर किसान मंच के सहसंयोजक रामेश्वर प्रसाद ने किया।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता स्वराज अभियान के राज्य समिति सदस्य दिनकर कपूर ने कहा कि चंदौली जिले में तो आदिवासी समाज के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। यहां की तो गोड़, खरवार व चेरो तक को आदिवासी का दर्जा नहीं मिला है। यहां तक की चेरो को नीरो बनाकर उसका अनुसूचित का भी जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। इस सवाल पर शीध्र ही उ0 प्र0 शासन से मिला जायेगा और इसे हर हाल में दिलाया जायेगा। सम्मेलन में कोल और चंदौली की गोंड़, खरवार व चेरों को आदिवासी का दर्जा देने के लिए गांव-गांव हस्ताक्षर अभियान चलाने और वनाधिकार कानून को लागू कराने के लिए निगरानी समिति का गठन करने का निर्णय हुआ।


सम्मेलन को मजदूर किसान मंच के संगठन प्रभारी अजय राय, युवा मंच नेता राजेश सचान, बीडीसी परमेश्वर कोल, पूर्व प्रधान चंद्रिका कोल, राम नारायन, जितेन्द्र कोल, विद्यावती देवी, नारद कोल, राम सकल, उषा देवी चैहान, मनोज भारती आदि ने सम्बोधित किया।

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