स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी (प्रो. जी. डी. अग्रवाल) जी का गंगा के लिए बलिदान व्यर्थ नही जाएगा

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द जी (प्रो. जी. डी. अग्रवाल) का वृहस्पतिवार को  अपराह्न ऋषिकेश के एम्स में निधन हो गया I वे गंगा की अविरलता की मांग को लेकर 22 जून से ही अनशन पर  थे I

काशी के गंगा प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता उनके निधन से मर्माहत हैं और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार मानते हैI न्यायालय के विभिन्न आदेशों के बावजूद स्वामी जी के अनशन के मामले में उत्तराखंड और केंद्र कि सरकार ने हठवादी रवैया अपनाया I दो दिन पूर्व 09 अक्टूबर 2018 दोपहर 2 बजे से स्वामी सानन्द जी ने जल का परित्याग कर दिया था I उस दिन सुबह उतराखंड के पूर्व मुख्य मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक स्वामी जी से मिलने आये थे तो  स्वामी जी ने उनको साफ़ शब्दों में बता दिया कि यदि उनके प्राण रहते हुए गंगा जी के गंगत्व को बनाये रखने के लिए भागीरथी, अलकनंदा, मन्दाकिनी, धौलीगंगा और पिंडर पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित समस्त बांधों की परियोजनाओं को निरस्त करने और गंगा जी के उच्चतम बाढ़ प्रवण क्षेत्र में खनन व वन कटान प्रतिबंधित करने के लिए नोटिफिकेशन ले आयेंगे तभी वे अपने उपवास को विराम देंगे, लेकिन उसके  बाद  सरकार  की ओर से कोई पहल नही हुई I नतीजन स्वामी जी को बलिदान देना पड़ा I

इसके पूर्व हरिद्वार में स्वामी निगमानंद जी और काशी में स्वामी नागनाथ जी भी गंगा की अविरलता के लिए बलि दे चुके हैं I कार्पोरेट जगत के इशारे पर सरकारें गंगा के नाम पर जनता को केवल धोखा दे रही हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है I स्वामी जी का बलिदान व्यर्थ नही जाएगा I देश भर में गंगा प्रेमी जनांदोलन के लिए बाध्य होंगे I ज्ञातव्य है कि स्वामी जी अनशन के दौरान काशी में भी कई बार साझा संस्कृति मंच के तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम, धरना, उपवास, हस्ताक्षर अभियान आयोजित कर जनता की आवाज को सरकार तक पहुँचाने की कोशिश की गयी थी I

 

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