भारत-अमेरिका के बीच हुए वायु रक्षा प्रणाली सौदे पर पाकिस्तान को लगी मिर्ची


इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा भारत को एकीकृत वायु-रक्षा प्रणाली बेचने जाने को ‘परेशान’ करने वाला बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह ‘पहले से अस्थिर क्षेत्र’ को और अस्थिर करेगा। अमेरिका ने एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली को भारत को 1.9 अरब डॉलर में बेचे जाने को मंजूरी दे दी। इससे भारत को सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करने और हवाई हमलों से उत्पन्न खतरों का मुकाबला करने के लिए अपनी मौजूदा वायु रक्षा संरचना का विस्तार करने में मदद मिलेगी।



 

विदेश दफ्तर की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने यहां साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी द्वारा जारी किए गए अग्रिम नोटिस को देखा जोभारत को एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली बेचे जाने के विदेश विभाग की विदेशी सैन्य बिक्री की मंजूरी को अधिसूचित करता है। उन्होंने कहा, “ इस वक्त भारत को ऐसे अत्याधुनिक हथियारों की बिक्री खासकर परेशान करने वाली है, क्योंकि यह पहले से ही अस्थिर क्षेत्र को और अस्थिर कर देगा। अमेरिका का यह फैसला दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन को बिगाड़ देगा और इससे पाकिस्तान और क्षेत्र के लिए गंभीर सुरक्षा निहितार्थ होंगे।”


उन्होंने कहा, “ अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आक्रामक नीति और भारतीय राजनीतिक और सैन्य नेताओं के धमकी भरे बयानों से पूरी तरह से अवगत है। दक्षिण एशिया हथियारों की दौड़ और टकराव का खतरा नहीं उठा सकता है। इसलिए क्षेत्र को और अस्थिर होने से रोकने का दायित्व अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर है।”

इस महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा पर फारूकी ने कहा कि ट्रंप ने कई मौकों पर जम्मू कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता की पेशकश की और अब “वादों के पूरा होने का वक्त है।”


उन्होंने कहा, “ हम उन पेशकशों को व्यावहारिक कार्रवाइयों में बदलता देखने की उम्मीद कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान जम्मू कश्मीर का विवाद उठाया जाएगा।”उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने इस साल नियंत्रण रेखा पर 272 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए।

 

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