युवा किसान ने ऑर्गेनिक खेती में लगाया मन, करेगा लाखों की कमाई

बाराचवर(यशवन्त सिंह): वर्तमान समय में खेती से लोगों का लगाव कम होता जा रहा है।हर युवा किसानी के बजाय छोटी मोटी नौकरी को ज्यादा तरजीह दे रहा है।वैसे समय में गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के करीमुद्दीनपुर निवासी युवा किसान पंकज राय नन्हें ने आर्गेनिक फार्मिंग का नया प्रयोग करके युवाओं के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।पंकज राय ने बताया कि सबसे पहले मैने हरियाणा के घरौधा स्थित इण्डों इजरायल सब्जी ट्रेनिंग सेण्टर पर जाकर इसका अवलोकन किया इसके बारे में गहनता पूर्वक जानकारी ली।उसके बाद दिल दिमाग से इस क्षेत्र में कुछ नया करने का निश्चय किया। करीमुद्दीनपुर रेलवे स्टेशन के समीप युनियन बैंक के पीछे मैने अपने खेत पर लगभग 2500 स्कवायर मीटर में शेड नेट हाउस का निर्माण गुजरात की कम्पनी के द्वारा कराया।लगभग चार माह में शेड नेट हाउस पूर्ण रूप से तैयार हो गया।इस शेड नेट हाउस में सिचाई की व्यवस्था, दवा खाद सब ड्रीप की माध्यम से की गयी है।

पूरे नेट हाउस में पाईप की लाइन बिछाई गयी है जिससे उचित समय पर उचित मात्रा में पौधों को पानी दिया जाता है। उपर से नेट की छाया है एवं नीचे भी मिट्टी की चौडी चौडी मेढ बनायी गयी है। उसी में पाईप बिछाकर बगल में इजरायल से मंगाया गया नोनैम्स कम्पनी के खीरे के बीज को बोया गया है।पौधों के बाद की जमीन भी प्लास्टिक से ढंक दी गयी है जिससे भूंमि में नमी ज्यादा दिन तक बरकरार रहती है।बाहर के तापमान एवम शेड नेट हाउस के तापमान में लगभग 5 डिग्री तक का अंतर रहता है।पंकज राय ने बताया की खीरे के बीज के रोपण के 40 से 45 दिन के उपरांत खीरे की तुडाई शुरू हो गयी।बीज रोपण के पश्चात एक पौधे से लगभग 120 से 130 दिन तक फल प्राप्त किया जा सकता है।अगर परिणाम अच्छा रहा तो एक पौधे से 4 से 5 किलो खीरे की प्राप्ति निश्चित है।इस समय फार्म पर से ही 25 से 30 रूपये किलो के हिसाब से खीरे की बिक्री हो जा रही है।पंकज राय के शेड नेट हाउस के निर्माण पर 30 लाख का खर्च आया जिसमें 50 प्रतिशत का अनुदान मिला है।वर्तमान में यहां दस हजार खीरे के पौधे लगाये गये हैं।जिनसे तीन से चार लाख रूपये प्राप्त किया जा सकता है।यह खीरा बीज रहित है और इसका छिलका भी उतारने की आवश्यकता नहीं है।पंकज राय ने बताया की आज के समय में युवा वर्ग खेती से पलायन कर रहा है।मेरी युवा वर्ग से अपील है की वह नये तकनीकी के प्रयोग से आधुनिक खेती को अपनाये तो निश्चित रूप से अपने साथ साथ दूसरों को भी रोजगार मुहैया करायेंगे।

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