महामुक़ाबले में इंडिया ने पाकिस्तान को पीटा - वीर विनोद छाबड़ा



और मेनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफोर्ड में इंडिया ने पाकिस्तान के विरुद्ध बहु-प्रतीक्षित महामुक़ाबला डीएलएस सिस्टम के आधार पर 89 रन के बड़े अंतर से जीत लिया, भले ही बारिश ने कई बार खलल डाला। ये बहुत बड़ी जीत है, इसलिए कि वर्ल्ड कप के मुकाबलों में इंडिया ने पाकिस्तान को लगातार सातवीं बार हराया है, जिसका सिलसिला 1992 में सिडनी से शुरू हुआ था। वर्ल्ड कप में इंडिया से जीतने का पाकिस्तान का सपना टूट गया। इस जीत की अहमियत इसलिए भी है कि इंडिया ने उसे खेल के मैदान में भी हरा कर अपनी ओवरऑल सुप्रीमेसी क़ायम रखी है।
वास्तविकता तो ये थी कि इंडिया तो मैच शुरू होने से पहले ही जीत चुकी थी। दरअसल, पाकिस्तान के मौजूदा टीम मुक़ाबले में कहीं थी ही नहीं, न कागज़ पर और न ज़मीन पर, किसी भी क्षेत्र में नहीं, चाहे वो बैटिंग हो या बॉलिंग या फील्डिंग। हां ख़तरा थोड़ा तब लगा था जब पाकिस्तान ने टॉस जीत कर फील्डिंग चुनी। बादलों से आच्छादित आसमान तले बैटिंग किसी के लिए कभी भी मज़ाक नहीं रही। इंडिया टॉस जीतती तो वो भी फील्डिंग ही चुनती। और फिर चोटिल शिखर धवन की जगह रोहित शर्मा के साथ ओपन करने आये लोकेश राहुल शुरू के ओवरों में बहुत नर्वस दिखे। कभी भी आउट हो सकते थे। लेकिन सीनियर पार्टनर रोहित ने उनका हौंसला बढ़ाये रखा। जिससे राहुल का आत्मविश्वास बढ़ा और वो खुल कर खेलने लगे। जल्दी ही पाकिस्तान को अहसास हो गया कि उसने जिस फ़ायदे के लिए इंडिया को बैटिंग के लिए कहा था, वो फुस्स हो गया है और पहली विकेट के लिए 136 की पार्टनरशिप हो चुकी है।
राहुल (57) के आउट होने पर भी पाकिस्तान की मुश्किलें आसान नहीं हुईं। कप्तान विराट कोहली ने रोहित का अच्छा साथ दिया। रोहित (140) रन पर उस वक्त आउट हुए जब बिलकुल लग रहा था कि वो ओडीआई में चौथी डबल सेंचुरी मारने जा रहे हैं। लेकिन वो एक ऐसी शॉट पर आउट हुए जिसकी उन जैसे समझदार बल्लेबाज़ से उम्मीद नहीं की जाती। हार्दिक पांड्या ने 26 रन की छोटी सी चमकदार इंनिग खेली। कोहली (77) ने विश्व में सबसे तेज 11000 ओडीआई रन बनाने का माइलस्टोन पार किया।
बारिश की बाधा के बावजूद इंडिया ने 5 विकेट पर 336 रन बना डाले। अगर मोहम्मद आमिर (3/47) की कसी बॉलिंग न होती तो स्कोर साढ़े तीन सौ के पार होता। वैसे हाई वोल्टेज और प्रेशर गेम में तीन सौ प्लस का कोई भी स्कोर पार करना कभी आसान नहीं होता। हालांकि दूसरे विकेट के लिए बाबर आज़म और फ़ख़र ज़मां ने 104 रन जोड़ कर धड़कनें थोड़ी देर तक बढ़ाई ज़रूर लेकिन जैसे ही बाबर का विकेट गिरा तरो विकट गिरने की झड़ी लग गयी। पाकिस्तान 1 विकेट पर 117 से 5 विकेट पर 129 रन हो गया। यानी समझो मैच फिनिश हो गया। सेलिब्रेशन भी शुरू हो गया, लेकिन इसे बारिश ने रोक दिया। तब स्कोर 35 ओवर में 166/6 था। बारिश के बाद डीएलएस के अंतर्गत लक्ष्य हो गया 40 ओवर में 302 रन। अब पाकिस्तान के सामने बस एक ही विकल्प बचा था, हार का अंतर कम करना।
इंडिया की जीत में वर्ल्ड कप में आगाज़ करने वाले विजय शंकर उल्लेखनीय रहे। चोटिल भुवनेश्वर के अधूरे ओवर को पूरा करते हुए उन्होंने पहली ही बॉल पर विकेट निकालने का रिकॉर्ड बनाया। शंकर, कुलदीप और हार्दिक पांड्या ने दो-दो विकेट निकाले। आज बुमराह और चहल खूब पिटे। उनका दिन अच्छा नहीं रहा अन्यथा पाकिस्तान आलआउट होती। बहरहाल, टीम इंडिया को बधाई, वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीद का सफ़र आसान हो गया है।

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