विश्वकप की यादें:कैच नहीं वर्ल्ड कप ड्राप किया - वीर विनोद छाबड़ा



कैच ड्राप होने का मतलब होता है, मैच हारना या ज़्यादा से ज़्यादा सीरीज़ हारना। ये खेल का हिस्सा है। लेकिन वर्ल्ड कप में अहम मौके पर कैच ड्राप होना वर्ल्ड कप खोने का सबब बना। ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ। याद है 2011 के वर्ल्डकप के इंडिया बनाम पाकिस्तान सेमी-फाइनल में सचिन तेंदुलकर के एक नहीं चार कैच ड्राप हुए। उन्हें 27 पर शाहिद अफ़रीदी की बॉल पर मिस्बाह-उल-हक़ ने ड्राप किया। फिर 45 पर अफ़रीदी की ही बॉल पर सबसे सुरक्षित हाथ माने गए यूनिस खान ने आसान यानी रेगुलेशन कैच ड्राप किया। सचिन को 70 पर विकेट कीपर कामरान अक़मल ने ड्राप किया। बदकिस्मत बॉलर एक बार फिर अफ़रीदी ही रहे। कामरान के छोटे भाई उम्र अकमल भला पीछे कहाँ रहने वाले। उन्होंने सचिन को 81 पर हफ़ीज़ की बॉल पर ड्राप किया। लेकिन चार मौके मिलने के बावजूद सचिन सेंचुरी नहीं बना पाए। अगर बना लेते तो ये उनकी सौंवी इंटरनेशनल सेंचुरी होती। बहरहाल, उन्हें 85 पर अजमल की बॉल पर अफ़रीदी ने लपका। पूर्व कप्तान इमरान खान ने कहा, मक्खन जैसी उंगलियां। इंडिया ने ये मैच ही नहीं फ़ाइनल भी जीता।
इससे पहले 2003 के वर्ल्ड कप में सचिन को अब्दुल रज़ाक ने ड्राप किया तो बॉलर वसीम अकरम गुस्से से चीखे थे, तुझे पता है तूने किसका कैच छोड़ा? ज्ञातव्य हो कि सचिन उस वक़्त 32 पर थे और पाकिस्तान के 274 का पीछा करते हुए इंडिया का स्कोर 57 पर 2 विकेट था। अभी पिछले ही ओवर में वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली के विकेट लगातार खोये थे और अगर सचिन भी कैच हो गए होते तो इंडिया का जीतना नामुमकिन सा होता। याद रहे कि सचिन ने 98 रन बनाये, मैच जीता और इंडिया फाइनल में हारी।
1979 के वर्ल्ड कप फ़ाइनल में बड़ा दिलचस्प नज़ारा देखने को मिला। वेस्ट इंडीज़ के 286 रन का पीछा करते हुए इंग्लैंड के जॉफ बॉयकाट और माइक ब्रेयरली ने बहुत अच्छी शुरुआत की। साठ ओवर के इस मैच में पहले विकेट के लिए उन्होंने 39 ओवर में 129 रन बना लिए थे। इस बीच कप्तान क्लाइव लॉयड ने दोनों को ड्राप किया। हैरानी की बात ये रही कि वेस्ट इंडीज़ के खेमे में इस पर ख़ुशी जताई गयी, मगर इंग्लिश फैन ने विलाप किया। दरअसल दोनों बैट्समैन बेहद धीमा खेल रहे थे। ऐसा लगता था कि मानो लॉयड ने उन्हें जान-बूझ कर ड्राप किया है ताकि वो धीमे ही खेलते रहें और हार जाएँ। लेकिन बाद में लॉयड ने इसे बकवास करार दिया कि उन्होंने जान-बूझ कर कैच छोड़े। बहरहाल करीब सात ओवर बाकी रहते इंग्लैंड 92 रन से हार गया।
1999 के वर्ल्ड कप में सुपर सिक्स मुक़ाबले में साउथ अफ्रीका के हर्षल गिब्स ने ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉग को 56 पर ड्राप किया। वॉग को फ़ायदा मिला और 120 रन बना कर आउट हुए। कमेंटेटर रिची बेनो ने गिब्स को कहा, बच्चे तुमने कैच नहीं वर्ल्ड कप ड्राप किया है। और सचमुच ऑस्ट्रेलिया ने अंततः वर्ल्ड कप जीता।
वर्ल्ड कप 2011 में न्यूज़ीलैंड के रॉस टेलर को पाकिस्तान के विकेट कीपर कामरान अकमल ने तीन बॉल में दो बार ड्राप किया। ये अहम मैच था। टेलर ने न सिर्फ 131 रन बनाये बल्कि टीम को जिताया भी। किसी ने मज़ाक किया, हर बैट्समैन की कामयाबी के पीछे एक कामरान होता है।

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