संपादकीय -1 : आधार बिना जनता निराधार, जाए तो जाए कहाँ?

ग़ाज़ीपुर: वैसे तो आधार कार्ड केन्द्र सरकार द्वारा एक मान्य दस्तावेज है इसकी मंजूरी सुप्रीम कोर्ट ने भी दे दी। लेकिन जनता की जरूरतों के हिसाब से जनता को न तो सहूलियत मिल रही है न ही अब आधार कार्ड बनवाना इतना आसान। वैसे जनपद ग़ाज़ीपुर में आधार केंद्रों की कमी नहीं है सरकारी आंकड़े के अनुसार। लेकिन जनता के लिए क्या स्तिथि है इनकी, आइए जानते हैं। पोस्ट आफिस के 12 केन्द्र अलॉट हैं लेकिन बनते एक मे भी नहीं है। इस पर पहले भी द सर्जिकल न्यूज़ ने लिखा है। हालांकि uidai के नियमानुसार कोई ऑपरेटर यदि 15 दिन तक आधार का काम नहीं करता है तो उसका क्रेडेंशियल रद्द हो जाएगा। लेकिन पोस्ट आफिस के ऑपरेटर अब भी इनएक्टिव नहीं हुए हैं। अब भी वैसे ही हैं।

अब हम बात करें बैंकों के आधार केन्द्र की तो स्तिथि स्पष्ट होगी। पहले बात करेंगे मोहम्मदाबाद तहसील और कासिमाबाद तहसील की। वैसे जब आधार बैंकों में बनने शुरू हुए थे तब कासिमाबाद तहसील के बैंक ऑफ इंडिया में आधार का कार्य शुरू हुआ। लेकिन वहां से आधार का कार्य 2-3 माह में ही बंद हो गया। इसके पीछे वजह था वही भ्रष्टाचार जिसकी वजह से सारे प्राइवेट आधार केंद्र पहले सरकारी जगहों में शिफ्ट हुए लेकिन तब भी भ्रष्ट तंत्र खत्म नहीं हुआ तो सारी प्रक्रिया बंद करके बैंकों और पोस्ट ऑफिस में आधार के कार्य शुरू कर दिए गए। तो कासिमाबाद तहसील से आधार के सारे केंद्र बंद हो गए। अब बचा मोहम्मदाबाद तहसील वहां भी आधार का कार्य शुरू हुआ दो केंद्रों एक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और दूसरा काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक युसुफपुर मोहम्मदाबाद में। बैंक के अलावा पोस्ट आफिस में भी आधार का कार्य शुरू करने हेतु मशीन आकर रख तो दी गयी लेकिन सिर्फ शो पीस बनकर रह गयी। अब बैंक में आधार शुरू हुआ तो वही खेल शुरू हुआ यहां भी बैंक ऑफ इंडिया की तरह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का केंद्र बंद हो गया। अब नाच गया काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक का केंद्र जहां दो तहसीलों को मिलाकर जनता एक साथ आने लगी। जाहिर हैं वहां के क्या हालात होंगे आप समझ सकते हैं। अभी हाल ही में 4-5 रोज पहले वहां जबरदस्त हंगामा हुआ और बैंक मैनेजर को मजबूरी बस वहां से भी आधार केंद्र को बंद कराने की लिखित शिकायत अपने बैंक के उच्चतम अधिकारियों के साथ ही जिलाधिकारी महोदय को देनी पड़ी और अब वहां से आधार का कार्य बंद हो गया।
चलिए हम एक समीक्षा ये भी करते है दो तहसीलों में लगभग दो ही केंद्र थे और वो बंद हो चुके। हालांकि तहसील मोहम्मदाबाद में secc 2011 (सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना -2011) के आंकड़ों के अनुसार 833 ग्राम सभा हैं। यदि एक ग्राम सभा से प्रति दिवस एक व्यक्ति को आधार बनवाने या सुधार करवाने की आवश्यकता हो तो काम से कम 27 आधार केंद्रों की आवश्यकता होगी। यदि प्रत्येक केन्द्र प्रतिदिन 30 एनरोलमेंट करेंगे तब। (अब कासिमाबाद और मोहम्मदाबाद तहसील नाम से मोहम्मदाबाद तहसील के वुभजन हो चुका है) ऐसे में क्या सरकार जनता को सहोओलियत देने के बजाय परेशान नहीं कर रही है? चलिए एक और बात बताता हूँ।
Uidai खजड जनता से खिलवाड़ कर रही है। में यह दावे के साथ कह सकता हूँ। और यह इस भरोसे कह सकता हूँ कि जब हम जनपद के आधार केंद्रों की सूचनाएं इकट्ठा करने लगे तो हमने पाया कि विभिन्न आधार केंद्रों पर गलत प्ता दिया गया है। चूंकि यह काम Uidai का है। इसलिए uidai भी इसमे कहीं न कहीं जनता से खिलवाड़ कर रहा है। मोहम्मदाबाद तहसील के अंतर्गत एक केंद्र दिखाया जा रहा है पिन कोड 233225 के अनुसार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया करीमुद्दीनपुर में लेकिन जब हमारी टीम ने वहां विजिट किया तो पाया कि वहां तो हमेशा से ही आधार बन नहीं रहा है। जब हमने दोबारा से जांच की तो पाया की पता ही गलत है साथ मे uidai ने जो आईएफएससी कोड दिया है शायद वहां आधार का केंद्र चल रहा हो। यही नहीं ग़ाज़ीपुर शहर में चलने वाले केंद्रों में mohammadabad की वर्ड डाल दिया गया है जिसकी वजह से उच्च अधिकारियों को लगे कि आधार केंद्रों की किल्लत नहीं है। लेकिन यह काम  uidai के लोगो का ही है। क्योंकि यह सब चीजें कोई और नहीं करता है।

क्रमशः
हम जल्द ही आधार का कार्य शुरू कराने के नाम पर ऑपरेटर्स से किये गए लूट पर भी स्टोरी करेंगे। यदि आपके जानकारी में इस संबंध में कोई सूचना हमे देनी है तो आप हमारे ईमेल पर भेजें हम उसे अपने स्टोरी में आपसे किये लूट को जगह देंगे। email- thesurgicalnews@gmail.com

आप हमें डोनेट कर सकते हैं इसकी डिटेल के लिए हमारी पेज http://thesurgicalnews.com/?p=2107 पर जाए।

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